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Showing posts from June, 2019

राजा विक्रमादित्य पर शनिदेव की साढ़ेसाती - राजा विक्रमादित्य और शनिदेव की कथा

उज्जैन नगरी के राजा विक्रमादित्य यह कथा राजा विक्रमादित्य की है जो उज्जैन नगरी के राजा थे। एक समय की बात है की सूर्य , चंद्रमा , मंगल , बुध , बृहस्पति , शुक्र , शनि , राहु और केतु यह नवग्रह आपस में झगड़ने लगे कि हम सब में से सबसे बड़ा कौन है। हर ग्रह अपने को बड़ा बताने लगे कि सबसे बड़ा मैं हूं , जब आपस में निर्णय नहीं कर पाए तो झगड़ते हुए इंद्रदेव के पास गए। कहने लगे कि आप सभी देवताओं के राजा है इसलिए हमारा न्याय करके बताइए कि हम 9 ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह कौन हैं। भगवान यह प्रश्न सुनकर घबरा गए और कहने लगे कि यह बताना मेरे लिए बहुत कठिन है कि किसी को बड़ा या छोटा बतलाऊं परंतु एक उपाय हैं। इस समय पृथ्वी पर एक राजा विक्रमादित्य सबके दुखों दूर करने वाले हैं इसलिए तुम लोग उनके पास जाकर अपने प्रश्न का उत्तर मांगो। वही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर देंगे । सभी ग्रह देवता पृथ्वी लोक में राजा विक्रमादित्य के सभा में जाकर उपस्थित हुए।